उत्तराखंड: सूखे कूड़े का प्रबंधन एवं निस्तारण को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे है, मुनस्यारी के ग्रामीण

सूखे कूड़े का प्रबंधन एवं निस्तारण को हम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें तो कहीं भी बिखरा कूड़ा नहीं दिख सकता। 

मुनस्यारी,  जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के 25 गांवों को आफ़र दिया है कि वे सूखा कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण पर उल्लेखनीय कार्य करें। उन्हें जिला पंचायत बोर्ड से गांव के विकास के लिए 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा उनका मकसद कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण को जीवन का हिस्सा बनाने की ओर जनमानस को प्रेरित करना है।

क्लीन द हिमालया अभियान के प्रथम चरण पर ग्राम पंचायत खसियाबाडा तथा कवाधार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में  जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने उक्त घोषणा करी।

उन्होंने कहा कि आदमी तथा कूड़ा कभी भी एक दूसरे को छोड़ नहीं सकते है। सूखे कूड़े का प्रबंधन एवं निस्तारण को हम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें तो हमें कहीं भी बिखरा कूड़ा नहीं दिख सकता है।

प्रशिक्षण में बताया कि जो ग्राम पंचायत उक्त उल्लेखनीय कार्य करना चाहती है। उसे ग्राम पंचायत की बैठक में प्रस्ताव पारित करना होगा। उसके बाद जिला अधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा बनाई गई टीम द्वारा एक साल तक सूखे कूड़े का प्रबंधन एवं निस्तारण पर उल्लेखनीय कार्य का निरीक्षण किया जाता रहेगा।
टीम की संस्तुति पर जिला पंचायत बोर्ड द्वारा गांवों का चयन कर उन्हें विकास के लिए पांच लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी। ग्राम पंचायत में क्या विकास कार्य होंगा, यह भी ग्राम पंचायत की बैठक में तय किया जाएगा।

प्रशिक्षण में ग्रामीणों से सूखा कूड़ा इधर उधर न फैलाने के लिए कहा गया। इससे पर्यावरण को होने वाले एक एक नुकसान के बारे में बताया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान संजू धामी, बबलू लोहनी, उप प्रधान कमला देवी, पूर्व प्रधान बिन्द्रा मपवाल, ग्राम प्रधान नत्थी राम, डीएस दास्पा आदि मौजूद रहे।

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