चोरी-छिपे यूपी, दिल्ली से हजारों क्विंटल पॉलिथीन उत्तराखंड पहुंच रही हैं ,उत्तराखंड।
वैसे तो राज्य सरकार ने कागजी तौर पर पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है, लेकिन हकीकत कुछ और है। सब्जी, फल से लेकर परचून के सामान में आज भी पॉलिथीन का इस्तेमाल हो रहा है। इस खबर की पड़ताल की तो पता चला कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली के कई जिलों से राज्य में चोरी-छिपे रोजाना हजारों क्विंटल पॉलिथीन पहुंचाई जा रही हैं। बात ये है कि पूरा सरकारी तंत्र इस सप्लाई को रोकने में सफल नही हो पाया हैं।
राजधानी में आज भी हनुमान चौक के आसपास का बाजार पॉलिथीन की सप्लाई का बड़ा जरिया है। खुलेआम नहीं, लेकिन सिगरेट, पान मसाले वालों के माध्यम से पॉलिथीन हर गली-मोहल्ले तक पहुंचाई जा रही हैं। एक दुकानदार ने बताया कि दिल्ली और सहारनपुर से पॉलिथीन चोरी-छिपे राजधानी तक आती है। नगर निगम के लगातार अभियान के बावजूद फलों की ठेली से लेकर सब्जियों और परचून की दुकानों तक आसानी से प्रतिबंधित पॉलिथीन मिल जाती हैं।
हरिद्वार और रुड़की में पॉलिथीन के कई अवैध गोदाम बने हुए हैं। यहां से पॉलिथीन गढ़वाल के पहाड़ी जिलों के लिए भी पहुंचती है। हरिद्वार में हर की पैड़ी में भी पॉलिथीन का प्रयोग होता है। नगर निगम प्रशासन ने पिछले महीनें छापा मारकर एक गोदाम से भारी मात्रा में पॉलिथीन जब्त कर व्यापारी का चालान भी किया था। नगर आयुक्त ग्राहक बनकर गोदाम में पहुंचे थे। इसके बाद भी पॉलिथीन का प्रयोग बंद नहीं हुआ। हर की पैड़ी पहुंचने वाले श्रद्धालु पॉलिथीन में खाना और अन्य सामान लेकर जातें हैं। इसके बाद पॉलिथीन को वहीं छोड़ देते हैं, जो गंगा में समाहित हो जाती है।