रात एक बजे, इंजीनियरों की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद आखिरकार यमुना से 1.2 किमी ऊंचाई पर स्थित राधा भवन के टैंक में पानी पहुंच गया। इसके साथ ही पेयजल विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।महज तीन साल में 144 करोड़ की परियोजना से सफलतापूर्वक पानी चढ़ने से मसूरी को 30 साल तक पेयजल की किल्लत नहीं होगी। इस योजना से मई के आखिर में पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रदेश की सबसे लंबी पेयजल योजना से यमुना से मसूरी पानी पहुंचाने की प्रक्रिया के पहले चरण में यमुना स्थित कुएं से मुख्य पंपिंग स्टेशन तक पहले पानी पहुंचाया गया। उसके बाद आगे के दो पंपिंग स्टेशन (आईपीएस-1 व आईपीएस-2) का ट्रायल सफल रहा। सबसे आखिर में 13/14 मई की रात एक बजे मसूरी के राधा भवन तक पानी पहुंच गया।