उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत 38.78 करोड़ से स्वास्थ्य केंद्रों की हालत सुधरेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में पहले चरण में 55 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है।
प्रदेश में आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण के तहत पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित 55 प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भूकंपरोधी कवच मिलेगा। भूकंपरोधी भवन बनाने के तहत इन 55 स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों की रेट्रोफिटिंग की जाएगी
यूडीआरपी प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में ऐसे कुल 150 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया। उसके बाद वर्गीकरण की प्रक्रिया में इनमें से 90 अस्पताल भवनों का चयन किया गया। फिर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में इनमें से पहले चरण में 55 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया।
अब इन स्वास्थ्य केंद्रों की रेट्रोफिटिंग कर इन्हें एकदम नया रूप दिया जाएगा। जहां पुरानी बिल्डिंग में सुधार की गुजांइश होगी, उन्हें सुधारा जाएगा, जो भवन जर्जर हालत में हैं, वहां नए भूकंपरोधी भवन बनाए जाएंगे। इस काम के लिए वर्ल्ड बैंक की ओर से 38.78 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से पर्वतीय क्षेत्रों में जर्जर हालात में पहुंच चुके पीएचसी और सीएचसी नए रंग-रूप में नजर आएंगे, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने में मदद मिलेगी।
प्रदेश में रेट्रोफिटिंग के लिए कुल 90 सीएचसी और पीएचसी का चयन किया गया है। जिलेवार देखें तो अल्मोड़ा के सात, बागेश्वर के चार, चमोली के नौ, चंपावत के चार, देहरादून के आठ, हरिद्वार के सात, पौड़ी के 12, पिथौरागढ़ के सात, रुद्रप्रयाग के छह, टिहरी के 10, ऊधमसिंहनगर के छह और उत्तरकाशी के 10 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है। इनमें से पहले चरण में 55 स्वास्थ्य केंद्रों को भूकंपरोधी कवच मिलेगा।