राजधानी देहरादून में ही दम तोड़ चुकी है, इंदिरा अम्मा भोजनालय कैंटीन
देहरादून। आम आदमी को सस्ता और हाइजेनिक खाना उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई इंदिरा अम्मा भोजन योजना देहरादून शहर में ही दम तोड़ चुकी है। नगर निगम क्षेत्र में इस योजना के तहत बने पांच इंदिरा अम्मा भोजनालय (कैंटीन) में से दून अस्पताल में बनी एक कैंटीन तो पूरी तरह बंद हो चुकी है। जबकि, सब्सिडी वाली चार अन्य कैंटीन चलान पूर्ण रूप से बंद हो चुकी है।
आम आदमी को 20 रुपए में उपलब्ध होती थी इंदिरा अम्मा थाली
यह थी विशेषता
– 20 रुपए की थाली में चार रोटी, चावल, दाल, सब्जी, चटनी या अचार। इसमें दो रोटी मंडुवे की भी। खीर या अतिरिक्त रोटी-चावल लेने पर अतिरिक्त रुपए देने होते हैं।
– हफ्ते में एक दिन पूरी पहाड़ी थाली, जिसमें चटनी, मंडुवे की रोटी, झंगोरे की खीर आदि शामिल रहते हैं।
– इंदिरा अम्मा कैंटीन के जरिए स्थानीय उत्पादों को मिल रहा था, पहले अच्छा प्रचार और बाजार।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 20 रुपए में इंदिरा अम्मा थाली उपलब्ध कराने की योजना की शुरूआत हुई थी। इसके तहत देहरादून नगर निगम क्षेत्र में घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्पलेक्स, सचिवालय, आईएसबीटी ट्रांसपोर्टनगर, विकास भवन सर्वे चौक और दून अस्पताल में इंदिरा अम्मा कैंटीन शुरू की गई थी। इन कैंटीन के संचालन का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया गया था।
मगर अब मात्र एमडीडीए कॉम्पलेक्स में संचालित हो रही है। सचिवालय स्थित कैंटीन का संचालन बिना सब्सिडी के दिया गया था
जबकि बाकी कैंटीन में प्रति थाली के हिसाब से 20 रुपए ग्राहक को देना होता था और हर थाली पर सब्सिडी के रूप में 10 रुपए कैंटीन संचालक को राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जाते हैं। राज्य में भाजपा सरकार बनने के कुछ महीने बाद विभिन्न कैंटीन को टेंडर के जरिए दूसरे स्वयं सहायता समूहों को सौंप दिया गया। समय पर सब्सिडी वाला बजट न मिलने से कैंटीन संचालकों को कैंटीन चलाना मुश्किल हो रहा है। संचालकों का कहना है कि कोरोना काल के बाद और महंगाई बढऩे से अब 20 रुपए में थाली उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। दून अस्पताल वाली कैंटीन तो कोरोना काल के पहले ही बंदकोरोना काल के पहले ही बंद हो गई थी, उसकी जगह अब स्टोर बना हुआ है।
कांग्रेस सरकार में हुई थी शुरुआत
साल 2015 में शुरू हुई इंदिरा अम्मा थाली अब राजधानी देहरादून में ठप होती नजर आ रही है। हालात यह है की नगर निगम क्षेत्र में इस योजना के तहत बने पांच इंदिरा अम्मा भोजनालयों (कैंटीन) में से दून अस्पताल में बनी एक कैंटीन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहीं, चार अन्य सब्सिडी वाली कैंटीन चलाने में संचालकों को परेशानी हो रही है। इस योजना की शुरुआत साल 15 अगस्त 2015 में कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश सिंह रावत के समय में शुरू ही थी। उस समय इंदिरा अम्मा भोजनालय का मूल्य महज बीस रुपये हुआ करता था। वही इसमें दस रुपये सब्सिडी के रूप में कैंटीन संचालक के खाते में जाता था।