मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की दी शुभकामनाएं साथ ही दिलाई राष्ट्रीय एकता की शपथ

मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने देश की आजादी एवं मां भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले महानायकों का स्मरण किया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बुधवार को 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड मैदान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया गया हें वहीं उन्होंने  मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पद से पुलसकर्मियों को नवाजा गया। इससे पहले उन्होंने सीएम आवास में ध्वजारोहण कर वहां मौजूद लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलाई। मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हरदिक शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने देश की आजादी एवं मां भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले महानायकों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि अमर बलिदानियों के सपनों के अनुरूप देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सराहनीय कार्य हो रहे हैं।

आज भारत समर्थ, समरस एवं शक्तिशाली भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मानसून सक्रिय है। प्रदेश में अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। अतिवृष्टि से प्रदेश में हुए नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अतिवृष्टि से हताहत हुए लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है एवं उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने स्वतंत्रता दिवस पर देश एवं प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। कहा, महान स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी एवं सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से कहा, हम सभी संकल्प लें कि देश-प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। यही प्रयास आजादी के नायकों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। देश ने आजादी के इन 76 वर्षों में सभी चुनौतियों का सामना मजबूती से किया है। देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। कहा, देश ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है, आने वाले अमृतकाल के 24 वर्षों में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारे कुछ उत्तरदायित्व हैं। पर्यावरण संतुलन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद कहा, उत्तराखंड ने जी-20 के तीन सम्मेलनों का सफलतापूर्वक आयोजन कर देवभूमि की एक अलग पहचान स्थापित की है। चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा के सफल संचालन के साथ ही यहां इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, रेल मार्गों के निर्माण से भविष्य में यात्रा और भी सुगम एवं सुविधाजनक करने के लिए लगातार कार्य जारी है।

राज्यपाल ने कहा, राज्य में संतुलित विकास एवं राष्ट्र निर्माण के लिए महिलाओं और युवाओं की क्षमता, कौशल वृद्धि पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है। नई तकनीकों, एआई, स्पेस, साइबर, क्वांटम, रोबोटिक्स में अनंत संभावनाएं हैं। हमें इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच को और मजबूत करने के प्रयास करने होंगे। कहा, विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी हमारी मातृशक्ति, राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रही हैं।

 

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