प्रदेश सरकार के दो मंत्रालयों की रस्साकसी से राज्य की 7950 ग्राम पंचायतों के उद्धार की योजना फंस गई है। पूरे उत्साह और तेजी के साथ योजना का रोडमैप तैयार करने में जुटे ग्राम्य विकास विभाग से यह महत्वाकांक्षी योजना वापस लेकर इसे पंचायती राज विभाग को देने का निर्णय ले लिया गया।
पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज की इच्छा के आगे सरकार को झुकना पड़ा। मगर शासन स्तर से इस संबंध में अभी तक कोई फरमान जारी नहीं हो पाया है।नतीजा यह है कि खुद पंचायती राज विभाग भी इस योजना को लेकर अंधेरे में है। एक योजना जिस पर अभी तक काम शुरू हो जाना चाहिए था,उसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।