मानसून में जोरदार बारिश के बाद भी इस साल शिव भक्तों कांवड़ियों के कदम नहीं डिगे जिसका आलम यह रहा कि पिछले सालों की तुलना में इस साल कांवड़ियों की संख्या ने पिछले रिकार्ड तोड़ दिए जहां पिछले साल कांवड़ियों की संख्या साढ़े तीन करोड़ के आसपास थी तो वहीं इस बार कांवड़ियों की तादाद चार करोड़ के पार पहुंच गई ।
हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश नीलकंठ गंगोत्री,यमुनोत्री में इस बार कांवड़िये भारी बरसात में भी जल लेने लगातार पहुंचते रहे ।लिहाजा पुलिस प्रशासन से लेकर एसडीआरएफ एनडीआरएफ आपदा प्रबंधन विभाग भी पूरी तरह मुस्तेदी से डटा रहा ।
डीजीपी का कहना है कि इस बार की कांवड़ यात्रा हमारे लिए काफी चुनोती भरी रही है क्योंकि इस बार भारी बारिश के चलते रुड़की हरिद्वार में कई जगह जलभराव और बाढ़ जैसे हालात रहे जिससे पुलिस फोर्स को वहां भेज दिया गया इसके साथ ही 13 और 14 जुलाई को अपेक्षा से ज्यादा वाहन कांवड़िये हरिद्वार पहुंच गए जिससे कि काफी मशक्कत भी पुलिस को करनी पड़ी वहीं इस बार पार्किंग की बहुत समस्या रही जहां बैरागी केम्प में वाहन पार्किंग थी वहां जलभराव हो गया जिससे वाहनों के पार्किंग में भी काफी दिक्कत आयी और वाहन सड़कों पर आ गए। दूसरी तरफ पुलिस ने जिस तरह से कांवड़िये ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए आए उनका भी लगातार चालान किया गया । ऐसे में उत्तराखंड पुलिस ने जिस तरह से इस बार रिकार्ड तोड़ कांवड़ियों की संख्या का अनुमान लगाया था तो वह सही भी साबित हुआ।