15 फरवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ आपदा पीड़ितों के लिए सरकार नई विस्थापन नीति लेकर आ रही है. वहीं एनडीएमए की बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर निर्णायक बातचीत हुई है.जोशीमठ में पिछले 1 महीने से भी ज्यादा समय से केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां भू धंसाव के कारणों का पता लगाने और इसके उपचार को लेकर संयुक्त रूप से इन्वेस्टिगेशन कर रही थी. तकरीबन सभी तकनीकी एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी NDMA को सौंप दी हैं. वहीं अब एनडीएमए को इन सभी रिपोर्ट का अध्ययन कर जोशीमठ को लेकर के आगे की रणनीति को तय करनी है. पिछली दो बैठकों में NDMA के अधिकारियों ने जोशीमठ में इन्वेस्टिगेशन करने वाली तमाम तकनीकी एजेंसियों के साथ गंभीर चर्चाएं की और लगातार शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. NDMA द्वारा एक निचोड़ पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि जोशीमठ शहर के भविष्य को लेकर एक मजबूत रणनीति तैयार की जा सके.