प्रदेश में पिरूल की उपयोगिता बढ़ाने की कवायद तेज है. इसी कड़ी में राज्य में पिरूल के उपयोग को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास करती रही है. इस दिशा में आजीविका सृजन से लेकर वैकल्पिक ईंधन तक में इसके उपयोग को भी प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाती रही है. वहीं मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने उद्यमियों से बातचीत करते हुए इस क्षेत्र में कार्य किए जाने को लेकर विचार-विमर्श किया. इस दौरान पिरूल के उपयोग और विभिन्न उत्पादों को लेकर चर्चा की गई.पिरूल की बढ़ेगी उपयोगिता: राज्य में पिरूल वनों के लिए कई बार वनाग्नि की घटनाओं को लेकर बेहद खतरनाक साबित होता है. लिहाजा इसके उपयोग को बढ़ाने और इसे विभिन्न प्रयोगों के जरिए उपयोगिता में लाने के प्रयास किए गए हैं. खास तौर पर ईंधन के रूप में प्रयोग करने के लिए पूर्व में भी इस पर काम किया गया है. इसी दिशा में तमाम उद्यमियों से मुख्य सचिव ने बातचीत की और इस क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जाने के लिए सुझाव भी मांगे. बातचीत के बाद मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए पिरूल कलेक्शन कर रहे स्वयं सहायता समूहों को नियमित भुगतान के लिए व्यवस्था सुनिश्चित किए जाते हुए एक कॉर्पस फंड बनाए जाने की बात कही.