उत्तराखंड ड्रग्स माफिया के निशाने पर है। नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले तकरीबन सभी पदार्थों की राज्य के मैदानी और पर्वतीय जिलों में बड़ी तस्करी की जा रही है। उत्तराखंड में तेजी से पांव पसार रहा ड्रग्स का अवैध कारोबार के सबसे ज्यादा निशाने पर स्कूल, कॉलेज और विवि में पढ़ रहे छात्र और युवा हैं। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व उधमसिंहनगर जिलों में ड्रग्स माफिया सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। जिन शीर्ष-10 नशा तस्करों को चंगुल में फंसाया गया है, वे इन्हीं चार जिलों में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।
जनवरी 2020 से मई 2023 तक तीन साल और कुछ महीनों में 5079 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 5,888 आरोपी धरे गए। नशा तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 33 मामलों में 89 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई हुई। नौ ऐसे मामले थे, जिनमें 2.68 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने का संकल्प लिया है। लेकिन ड्रग्स माफिया अपने पांव राज्य में जिस तेजी से पसार रहे हैं, उसे देखते हुए मुख्यमंत्री का संकल्प कड़ी चुनौती से गुजरने वाला है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने ड्रग्स माफिया के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की बात भी कही है।