उत्तरकाशी: श्रमिक प्रेम लाल ने टनल से जुडी दी महत्वपूर्ण जानकारी, दिवाली की छुट्टी नहीं होती तो फंस सकते थे 400 से अधिक लोग

श्रमिक प्रेम लाल ने टनल से जुडी दी महत्वपूर्ण जानकारी, दिवाली की छुट्टी नहीं होती तो फंस सकते थे 400 से अधिक लोग 

उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल निर्माण कार्य से जुड़े 60 वर्षीय प्रेम लाल ने बताया कि यहां 400 से ज्यादा मजदूर कार्यरत थे। इनमें ज्यादातर स्थानीय लोग थे, लेकिन दीपावली के चलते वह त्योहार मनाने अपने परिवार के पास गांव निकल गए थे।

सुरंग में काम करने वाले 60 वर्षीय प्रेम लाल का कहना है कि यदि दिवाली का त्योहार नहीं होता तो सिलक्यारा हादसे में ज्यादा लोग सुरंग के अंदर फंस सकते थे। प्रेम लाल ने बताया कि सुरंग निर्माण कार्य में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग कार्यरत हैं, जो दिवाली मनाने घर चले गए थे। सिर्फ बाहरी मजदूर ही यहां बचे थे, जो भूस्खलन के चलते सुरंग के अंदर फंस गए।

उन्होंने बताया कि यहां 400 से ज्यादा मजदूर कार्यरत थे। इनमें ज्यादातर स्थानीय लोग थे, लेकिन दीपावली के चलते वह त्योहार मनाने अपने परिवार के पास गांव निकल गए थे। जिसके बाद यहां कुछ स्थानीय और बाकी बाहरी राज्यों के मजदूर ही बचे थे। इन मजदूरों को ही रात्रि की ड्यूटी पर भेजा गया था और दिवाली के दिन यह बड़ा हादसा हो गया, अगर त्योहार नहीं होता तो सुरंग में कम से कम 400 लोगो के फसने की आशंका थी।

सुरंग में नहीं  है गर्म कपड़ों की जरूरत

वही अन्य श्रमिक कुंवर बहादुर ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को ठंड से बचने के लिए बिस्तर या कंबल की जरूरत नहीं है और सुरंग में काफी गर्मी लगती है। रात्रि शिफ्ट में काम कर चुके प्रेमलाल ने बताया कि सुरंग में इतनी गर्मी होती है कि पसीना-पसीना हो जाता है। आजकल के मौसम में सर्दियां होने के बावजूद वहां गर्म स्वेटर व कंबल आदि की जरूरत नहीं है।

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