Kanwar Yatra 2024 कांवड़ मेले में SDRF ने बचाई 40 कांवड़ियों की जान
Kanwar Yatra 2024 कांवड़ मेला पूरी तरह चरम पर पहुंच चुका है और गंगा घाटों से लेकर हाईवे केसरिया रंग में रंगा नजर आ रहा है। सोमवार को 62 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरा और अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। आठ दिन के अंदर एक करोड़ 83 लाख 40 हजार कांवड़ियों की संख्या पहुंच गई है। 40 कांवड़ियों को डूबने से बचाया गया है।
Kanwar Yatra 2024 कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासन पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। करोड़ों की संख्या में हर साल कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश में जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में इस बीच कई बार विकट स्थिति भी देखने को मिलती है जब कांवड़िए गंगा की तेज धारा में नहाते वक्त डूबने लगते हैं। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए एसडीआरएफ की कई टीमें गंगा घाटों पर पहले से ही मुस्तैदी के साथ तैनात की गई है। SDRF ने अब तक कांवड़ यात्रा के दौरान 05 दिनों में कुल 40 कावड़ियों को रेस्क्यू किया है और उन्हें डूबने से बचाया है।
Kanwar Yatra 2024 हरिद्वार में 04 टीमें नियुक्त की गई हैं, जिनमें कुल 24 डीप ड्राइवर्स जवान नियुक्त हैं। वहीं दूसरी ओर ऋषिकेश क्षेत्र में 02 टीमें तैनात की गई है। जिनमें से एक टीम ढालवाला में रिजर्व रखी गई है। हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान डूबते कांवड़ियों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने के लिए मुख्य आरक्षी आशिक अली, मुख्य आरक्षी जितेंद्र सिंह व आरक्षी शिवम को 02-02 हजार रुपये व कांगड़ा घाट पर तैनात समस्त SDRF टीम को रु 2,500 के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त कांगड़ा घाट पर तैनात पूरी SDRF टीम को पुरस्कृत करने हेतु उच्च अधिकारियों से भी अनुशंसा की गई है।
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