श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते बंद हुए पैदल मार्ग घोड़े- खच्चरों के लिए 26 दिनों के भीतर ही खुल गए हैं। यात्रा मार्ग पर घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के साथ ही घोड़े खच्चरों से राशन एवं अन्य अनिवार्य सामग्री की आपूर्ति भी शुरू हो गई है।
केदारनाथ पैदल मार्ग को जिला प्रशासन एवं मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद दुरुस्त कर लिया गया गया। 25 दिन बाद ही घोड़े खच्चर केदारनाथ पहुंचना शुरू हो गए हैं।
बता दें कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता के तहत पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और डीएम सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान को बचाया गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। इस चुनौती को भी जिला प्रशासन ने पार पा लिया जिसके बाद मार्ग को घोड़ा खच्चर संचालन के लिए भी दुरुस्त कर लिया गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन एवं निगरानी में तेजी से काम होने के चलते पैदल मार्ग के बाद घोड़े खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।