देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के मामले में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में वन मंत्री रहे हरक सिंह रावत की मुश्किलें फिर से बढ़ती दिख रही हैं। प्रकरण में 14 अगस्त को सीबीआई ने हरक सिंह रावत को अपने देहरादून के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में तलब कर पूछताछ की थी। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून शाखा ने हरक सिंह रावत को नोटिस जारी कर सोमवार को पेश होने को कहा है। कार्बेट सफारी प्रकरण में सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में मुकदमा दर्ज किया, जबकि दिसंबर 2023 में ईडी की एंट्री हुई। ईडी फरवरी 2024 में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत उनके करीबियों और कई वन अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है।
निकट भविष्य के केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। अब फिर से कांग्रेस में शामिल हो चुके हरक सिंह रावत इस सीट से संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ऐसे समय में सीबीआई और ईडी की सक्रियता से हरक सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, हरक सिंह रावत बार-बार यही कह रहे हैं कि कार्बेट में उनके स्तर से कोई घपला नहीं किया गया है। उन्होंने हाल में सीबीआई के समक्ष पेश होकर न कुछ दस्तावेज अधिकारियों को सौंपे, बल्कि यह भी कहा कि वन मंत्री होने के नाते उन्होंने फाइलों पर हस्ताक्षर किए। यदि कहीं कोई गड़बड़ की गई है तो उसके लिए अफसर दोषी हैं। क्योंकि,नियमों का परीक्षण करना मंत्री का काम नहीं होता है।