उत्तराखंड में मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए स्टेट एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में संवेदनशील स्थानों पर रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया जाएगा। चिंतन शिविर के दौरान प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने अपने प्रजेंटेशन के दौरान बताया कि वन विभाग मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के साथ ही राज्य की आय बढ़ाने पर भी फोकस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मानव-वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए स्टेट एक्शन प्लान बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के हमलों को देखते हुए स्थानीय निवासियों को प्रशिक्षण देकर इससे निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए उन्हें पकड़कर नसबंदी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि हाथी एवं बाघ के पारंपरिक गलियारों को फिर से खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पांच नए डेस्टिनेशन अगले पांच सालों में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।