उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ के पास टिपरी गांव निवासी आमोद पंवार ने सोलर पावर प्रोजेक्ट, खेती- बागवानी के साथ ही मत्स्य और मधुमक्खी पालन का एक सफल स्वरोजगार मॉडल खड़ा किया है। आमोद बताते हैं कि पहले ग्रिड की बिजली सप्लाई होने से, गांव में बिजली आपूर्ति अनियमित होती थी, उनका गांव टिहरी झील के ठीक सामने है।
ऐसे में टिहरी बांध का गांव वालों के लिए सांकेतिक महत्व ही था, लेकिन अब सोलर प्रोजेक्ट के चलते गांव की बिजली आपूर्ति भी सुधर गई है। आमोद पंवार के मुताबिक पहाड़ में सर्दियों के दिनों में भी अच्छी धूप रहती है, इस कारण सोलर प्रोजेक्ट पहाड़ के लिए आदर्श हैं, अन्य युवाओं का भी इस दिशा में आगे आना चाहिए। आमोद ने जिन लोगों की जमीन किराये पर ली हुई है, खेती और मधुमक्खी पालन, मछली पालन वगैरह का काम वही लोग करते हैं और इसका आर्थिक लाभ भी उन्हीं को मिलता है. आमोद बताते हैं, “इस प्लांट के जरिए सालाना औसतन तीन लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है इस बिजली की खरीद यूपीसीएल कर रही है महीने में एक से डेढ़ लाख रुपये की अकेले आमदनी होती है और बाकी जो लोग खेती वगैरह करते हैं, उन्हें अलग इसका लाभ मिल रहा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिए सैकड़ों लोग अपने सोलर प्लांट सफलता पूर्वक संचालित कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में इस समय करीब 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा पैदा हो रही है, साथ ही 174 मेगावाट क्षमता के नए सोलर पावर प्लांट का भी आवंटन हो चुका है।