उत्तराखंड में बागेश्वर के जोशीगांव (घिरौली) में मां और तीन बच्चों के शव घर के अंदर बरामद हुए है। चारों की मौत का राज एक सुसाइड नोट से खुला है। शनिवार को पुलिस ने दोबारा घटनास्थल की जांच की तो वहां एक छह पन्नों का सुसाइड नोट मिला। जो मृतका की बेटी अंजली ने लिखा था।
एसपी हिमांशु कुमार वर्मा ने बताया कि बच्ची द्वारा लिखे सुसाइड नोट में मौत का कारण आर्थिक तंगी और मानसिक परेशानी बताया है। उसमें लिखा था कि ‘पिता द्वारा लिए गए कर्ज को लोग वापस मांग रहे थे। कई लोग तो घर में आ जाते हैं। खाने के लिए घर में राशन भी नहीं है। जिस वजह से हम परेशान हैं’।
परिवार के मुखिया भूपाल राम के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का केस पंजीकृत है। पुलिस के अनुसार, वह कई लोगों से ठगी कर चुका था। इसी कारण लोगों से और पुलिस से छुपता-छुपाता फिरता था।
सबसे पहले घटना की सूचना मकान मालिक गोविंद सिंह को प्लंबर राजेंद्र सिंह भाकुनी ने दी। पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की साथ ही पुलिस को छानबीन में कमरे से सल्फास जैसी गोलियां बरामद हुई। गोलियों को जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही जहरीले पदार्थ के बारे में स्थिति साफ हो जाएगी। पुलिस ने घटनास्थल पर किचन का बारीकी से मुआयना किया। किचन में राशन के डब्बे खाली पड़े थे। आटा, चावल, तेल आदि कुछ भी सामग्री किचन में नहीं थी। गैस का चूल्हा था, लेकिन सिलिंडर नहीं था। यानि कि परिवार के पास खाने के लिए कुछ भी उपलब्ध राशन नही था।
पोस्टमार्टम में मृतकों के शव एक सप्ताह पुराने होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल में शामिल डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि शव करीबन एक सप्ताह पुराने हैं। यानी कि चारों की मौत होली के आसपास या होली के बाद हुई है।
डॉं. राहुल मिश्रा ने बताया कि शव के सड़े-गले होने के कारण मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। मृतकों का बिसरा, आंत और कुछ अन्य हिस्से फॉरेंसिक जांच के लिए रुद्रपुर लैब में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों के शरीर में कीड़े पड़ने के कारण चेहरा भी विकृत हो गया था। अन्य रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।