राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने से पहले, सचिन पायलट खेमा लगातार दबाव बना रहा था कि पार्टी आलाकमान जल्दी कोई फैसला ले। लेकिन पायलट खेमे के दवाब के बीच सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने बयानों से नया बखेड़ा खड़ा कर दिया। गहलोत ने कहा है कि उन्हें राजस्थान में संभावित बदलाव के बारे में पार्टी आलाकमान से कोई “संकेत” नहीं मिला है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि पायलट के पास “10 विधायक भी नहीं हैं”। सीएम ने सचिन पायलट गद्दार तक कह दिया। राजस्थान में नए सिरे से उपजे विवाद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से भी कोई बयान नहीं आया है।
राजस्थान कांग्रेस में मचे बवाल के बीच खड़गे फिलहाल 2024 की तैयारी पर ध्यान दे रहे हैं। वैसे बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यानी अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजस्थान संकट को नजरअंदाज करते हुए 2024 की तैयारी करने पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध रहा है।
खड़गे के कमान संभालने पर पार्टी नेताओं ने उम्मीद लगाई थी कि राजस्थान मसले का हल भी जल्द निकाला जाएगा। मसला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव से पहले का था। एक अन्य घटनाक्रम में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने हाल ही में राज्य के प्रभारी के रूप में काम जारी रखने की अनिच्छा व्यक्त की है। इस संबंध में खड़गे को भेजा गया उनका इस्तीफा सार्वजनिक हो गया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में माकन ने जयपुर 25 सितंबर के उस घटनाक्रम का हवाला दिया जब पार्टी के अनेक विधायक, विधायक दल की आधिकारिक बैठक में आने के बजाय संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक में चले गए।