बर्बरता को याद कर आज भी सिहर उठते हैं आंदोलनकारी, 29 साल पहले बरसा था खाकी का कहर

गढ़वाल और कुमाऊं से बसों में भरकर आए लोगों को रामपुर तिराहा में पुलिस ने रोककर…