दुल्हन सहित मायके वाले और शादी में आए मेहमान देर रात तक बरात का इंतजार करते रहे, काफी देर बाद जब उन्होंने लड़के वालों को फोन किया तो सब सन्न रह गए। जिसके बाद मामला थाने पहुंच गया।
जानकारी के मुताबिक हरिद्वार में दहेज में मनपसंद लग्जरी कार न मिलने पर दूल्हा मुजफ्फरनगर से बरात लेकर ही नहीं पहुंचा। दुल्हन सहित मायके वाले और शादी में आए मेहमान देर रात तक बरात का इंतजार करते रहे।
बाद में फोन पर संपर्क करने पर पता चला कि मनपसंद कार न मिलने के कारण बरात नहीं आई है। मायके वालों ने दूल्हा व उसके परिवार वालों के साथ ही बिचौलिये पर भी मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस जांच में जुट गई है।
सात लाख रुपये नकद व अन्य उपहार दिए
पुलिस के मुताबिक, ज्वालापुर अहबाबनगर निवासी गुफरान अहमद उर्फ पप्पू निवासी मोहल्ला कड़च्छ अहबाबनगर ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि उनकी बेटी का रिश्ता हाजी रईस अहमद (शकील अहमद) निवासी मल्लूपुरा, मुजफ्फरनगर के बेटे दानिश अब्बासी के साथ तय हुआ था। 23 अगस्त 2021 को आशियाना होटल सराय रोड में सगाई के दौरान दूल्हा, उसके पिता व परिवार वालों को सोने के जेवरात व 1.21 लाख रुपये नकद और कपड़े आदि सामान दिया था।
शादी का लाल खत भेजने पर दूल्हा के पिता के मांगने पर बाद में सात लाख रुपये नकद व अन्य उपहार दिए। 22 जनवरी को बरात आनी थी। आरोप है कि इससे पहले ही रईस अहमद के स्कूटर की मांग पर उन्होंने बिचोलिए के खाते में 1.10 लाख रुपये डलवाए। जबकि 15 लाख रुपये नकद घर बुलाकर दिए। शादी के लिए रुड़की में हाइवे पर बैंकेट हॉल बुक करा दिया। लेकिन दूल्हा पक्ष रात तक भी बरात लेकर नहीं पहुंचा।
काफी इंतजार के बाद संपर्क करने पर दूल्हा पक्ष ने हुंडई वरना कार नहीं, बल्कि इनोवा क्रिस्टा कार की मांग पूरी न होने पर ही बरात लेकर आने की बात कही। पीड़ित परिवार का कहना है कि दहेज के लालची परिवार के कारण आर्थिक व मानसिक परेशानी के साथ ही उन्हें शादी में आए मेहमानों के सामने शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि आरोपित रईस अहमद उर्फ शकील अहमद, उसके पुत्र दानिश अब्बासी, सुहेल उर्फ जुबी, सिंकदर, सद्दाम, नसीर अहमद, अनीस अहमद और बिचौलिया रईस अहमद निवासीगण मुजफ्फरनगर के खिलाफ धोखाधड़ी और दहेज उत्पीड़न की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कार्रवाई की जा रही है।
नाबालिग दूल्हा लेकर नाबालिग को ब्याहने हिमाचल से पहुंचा परिवार
पिथौरागढ़ नगर से लगे एक गांव में नाबालिगों के विवाह को पुलिस ने रुकवा दिया। दोनों परिवारों को बाल विवाह अधिनियम की जानकारी दी गई। परिवारों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए दोनों के बालिग होने पर विवाह कराने का लिखित प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम को नगर से लगे पपदेव गांव में एक नाबालिग का विवाह कराए जाने की सूचना मिली।
टीम प्रभारी प्रवीण सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम चाइल्ड हेल्पलाइन कर्मियों के साथ पपदेव गांव पहुंची। जहां नाबालिगों की सगाई की रस्म कराई जा रही थी। टीम ने लड़की का जन्मप्रमाण पत्र चेक किया। लड़की की उम्र 13 वर्ष होना पाया गया। लड़के की उम्र भी 18 वर्ष से कम पाई गई। दोनों परिवार मूल रूप से नेपाल के बजांग जिले के रहने वाले हैं।
लड़की का परिवार पिछले 15 वर्षों से पिथौरागढ़ में निवास कर रहा है, लड़के का परिवार हिमाचल में रहता है। पुलिस टीम ने दोनों परिवारों की काउंसलिंग की तथा बाल विवाह से संबंधित कानूनों के बारे में बताते हुए बाल विवाह अपराध होने की जानकारी दी। दोनों परिवारों ने कहा कि उन्हें इस कानून की जानकारी नहीं थी।दोनों परिवारों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि अब वे दोनों के बालिग होने पर ही शादी करेंगे। दोनों परिवारों ने इसका लिखित प्रार्थना पत्र पुलिस को दिया। दोनों परिवारों को काउंसलिंग के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विवाह रुकवाने वाली पुलिस टीम में कांस्टेबल निर्मल किशोर, चाइल्ड हेल्पलाइन के लक्ष्मण सिंह, बीना सौन, किरन जोशी आदि मौजूद रहे।