Uttarakhand: लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए राजावाला-सेलाकुई निवासी असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी

शहीद टीकम सिंह नेगी में भी वर्दी को लेकर जुनून था। वर्ष 2011 में टीकम सिंह नेगी आईटीबीपी में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती हो गए थे। उन्हें पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में मिली थी। इसके बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) चेन्नई में बतौर इंस्ट्रक्टर काम किया। इसके बाद उनकी तैनाती लेह लद्दाख में हो गई थी।

लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए राजावाला-सेलाकुई निवासी असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी (34) ने करीब आठ दिन पहले शहीद टीकम सिंह ने फोन पर पत्नी को बताया था कि एक सीक्रेट मिशन पर जा रहे हैं। लौटकर बात करेंगे। कौन जानता था कि होनी को कुछ और ही मंजूर हैं और टीकम सिंह कभी लौट कर नहीं आएंगे।

शहीद के पिता राजेंद्र सिंह नेगी टीकम सिंह को याद कर रो पड़ते हैं। कहते हैं कि बीते फरवरी माह को टीकम सरकारी काम से आए  थे। इस दौरान एक दिन वे घर पर रूके। करीब आठ दिन पूर्व बेटे से फोन पर बात हुई थी। बेटे ने बहु दीप्ति को बताया था कि वे किसी सीक्रेट मिशन पर जा रहे हैं, जिसमें जोखिम भी है। लौट कर बात करूंगा। दो तीन दिन से उनका टीकम सिंह से कोई संपर्क नहीं हो सका था। बीते सोमवार को आईटीबीपी के अधिकारियों से उन्हें बेटे के शहीद होने की खबर मिली। आईटीबीपी के एडीजी मनोज रावत और आईपीएस संजय गुंजियाल ने बताया कि टीकम सिंह नेगी बहुत ही जांबाज अधिकारी था। आईटीबीपी में उसके बहादुरी के चर्चे थे।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *