Uttarakhand Latest News राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षणरत व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भारतीय वन सेवा के परिवीक्षार्थियों के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किये।
Uttarakhand Latest News राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बैच में 10 महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के प्रगतिशील बदलाव की प्रतीक हैं। राष्ट्रीय वन अकादमी की पर्यावरण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर जंगलों के संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण की जिम्मेदारी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये अधिकारी अपने इस अप्रतिम दायित्व के प्रति सजग और सचेत होंगे एवं पूर्ण निष्ठा से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा की हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथ-साथ प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए।
Uttarakhand Latest News राष्ट्रपति ने भारतीय वन अकादमी के विशेषज्ञों से अपेक्षा की कि जलवायु की आपातकालीन स्थिति को देखते हुए प्रशिक्षार्थियों के पाठ्यक्रम में यथोचित संशोधन करने पर विचार करें। विश्व के कई भागों में वन संसाधनों की क्षति बहुत तेजी से हुई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से हम क्षति-पूर्ति तेज गति से कर सकते हैं। विभिन्न विकल्पों का आकलन करके भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप समाधान विकसित करने की आवश्यकता है।
Uttarakhand Latest News राष्ट्रपति ने कहा कि विकास-रथ के दो पहिये होते हैं – परंपरा और आधुनिकता। आज मानव समाज पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का दंश झेल रहा है। इसके प्रमुख कारणों में विशेष प्रकार की आधुनिकता है, जिसके मूल में प्रकृति का शोषण है। इस प्रक्रिया में पारंपरिक ज्ञान को उपेक्षित किया जाता है। जनजातीय समाज ने प्रकृति के शाश्वत नियमों को अपने जीवन का आधार बनाया है। जनजातीय जीवन शैली मुख्यतः प्रकृति पर आधारित होती है। इस समाज के लोग प्रकृति का संरक्षण भी करते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सदियों से जनजातीय समाज द्वारा संचित ज्ञान के महत्व को समझा जाए और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए उसका उपयोग किया जाए।
Uttarakhand Latest News राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षांत समारोह के अवसर पर कहा कि यह समारोह हमारे राष्ट्रीय वन धरोहर के संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में नए योग्य नेतृत्व का उत्थान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय वन्य जीवन और वन्यजीव अध्ययन में उत्कृष्टता के लिए एक प्रमुख संस्था के रूप में, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी ने अपने क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संस्था ने वन्य जीवन के प्रबंधन, और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के मानकों को स्थापित किया है और नए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
Uttarakhand Latest News वर्तमान बैच से सबसे अधिक 15 अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य को मिले हैं, जबकि उत्तराखंड को तीन अधिकारियों की सेवाएं मिलीं। 1926 से यह संस्थान पहले इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज और अब राष्ट्रीय वन अकादमी के रूप में देश की सेवा कर रहा है। स्वतंत्र भारत के सभी भारतीय वन सेवा अधिकारियों और 14 मित्र राष्ट्रों के 365 वन अधिकारियों ने अब तक इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
Uttarakhand Latest News इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, वन महानिदेशक और विशेष सचिव श्री जितेन्द्र कुमार, इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक श्री जगमोहन शर्मा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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