यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने बताया कि जून माह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कांफ्रेंस का पोस्टर जारी किया था। इसमें दुनिया के 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि, छात्र, शोधार्थी शामिल होंगे। यूकॉस्ट इस कांफ्रेंस का वैज्ञानिक एवं तकनीकी समन्वयक है जी-20 के बाद अब देश में नवंबर में आपदा प्रबंधन पर छठी वर्ल्ड कांफ्रेंस होगी। इससे पहले उत्तराखंड सहित कई राज्यों में प्री कांफ्रेंस होगी। देहरादून में प्री कांफ्रेंस चार अगस्त को आयोजित होगी, इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
इंटरनेशनल डिजास्टर सोसाइटी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) संयुक्त रूप से इस कांफेंस का आयोजन 28 नवंबर से एक दिसंबर के बीच करेंगे। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने बताया कि जून माह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कांफ्रेंस का पोस्टर जारी किया था। इसमें दुनिया के 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि, छात्र, शोधार्थी शामिल होंगे। यूकॉस्ट इस कांफ्रेंस का वैज्ञानिक एवं तकनीकी समन्वयक है।
उन्होंने बताया कि देशभर में अलग-अलग राज्यों में प्री कांफ्रेंस होंगी, जिसके तहत देहरादून में चार अगस्त को पहली प्री कांफ्रेंस कराई जाएगी। इसके बाद नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में प्री कांफ्रेंस होंगी। डॉ. पंत ने बताया कि इस कांफ्रेंस का विषय स्ट्रेंथनिंग क्लाइमेट एक्शन एंड डिजास्टर रिसाइलेंस है। विभिन्न राज्यों व देशों में अपनाई जा रही तकनीकों से दूसरे देशों में भी आपदा प्रबंधन आसान होगा। जापान ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काफी काम किया है। उनकी मशीनें भी इस वर्ल्ड कांफ्रेंस में प्रदर्शित की जाएंगी। सभी देशों को इसके लिए आमंत्रण भेजा जा चुका है। विभिन्न कारणों से नदियां जब रास्ता बदलती हैं, तो इससे भी काफी जन-धन की हानि होती है। इस पर भी सम्मेलन में विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।