उत्तराखंड: कांग्रेस पार्टी ने फोर्टीफाइड चावल पर उठाए सवाल

भारत में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर विपक्ष पार्टी कांग्रेस ने काफी सवाल उठाए हैं। 15 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था,  कि एनीमिया जैसी बीमारी को खत्म करने के लिए साल 2024 तक पौष्टिकता से भरपूर चावल वितरित किये जायेंगे, पीएम मोदी ने कहा था, इससे आधे से अधिक भारतीयों को लाभ होगा, यह  बात अब सामने आ रही है कि वह जल्दबाजी में किया गया ऐलान था, क्योंकि प्रधानमंत्री ने जिस चावल के बारे में कहा था, वह स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

अब कई रिपोर्टों से यह पता चला है,  कि भारत में करीब 17 लाख बच्चे इस चावल के उपभोग से कुपोषित हो गये हैं, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने इस पर गंभीर चिंता जाहिर की है, यह अनुमान लगाया गया है,  कि भारत में पांच साल से कम आयु के 67.1फीसदी बच्चे और 15-49 साल की आयु के बीच की 57 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।

2015-16 की तुलना में 2019-2021 में बच्चों में खून की कमी के मामले 9 फीसदी बढ़े हैं. सरकार का दावा है कि आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त चावल भारत में बढ़ती पोषक तत्वों की कमी की समस्या को दूर करेगा, लेकिन नतीजा उल्टा नजर आया है,नीति आयोग , इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर जैसे कई आयोगों ने इस चावल के वितरण पर आपत्ति जताई है , कांग्रेस का कहना है कि सरकार को इस चावल के प्रति निर्णय सोच समझ कर लेना चाहिए वही 80 करोड़ जनता को धीमा जहर बांटने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *