भोलेनाथ की भक्ति में डूबी देवभूमि, सावन के तीसरे सोमवार पर मंदिरों में भक्तों की उमडी भीड़

शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज हैं। विशेष पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइनें मंदिरों में लगी है। आज देवभूमि भोले की भक्ति में रमी है। आज पर्वतीय क्षेत्रों का दूसरा जबकि मैदानी क्षेत्र का तीसरा सोमवार है। शिव भक्त हरिद्वार से जल लेकर चकराता पहुंचे है, जोकि क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे। विकास नगर के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।

ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि सावन की संक्रांति से पर्वतीय क्षेत्रों में सावन शुरू होता है शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज हैं। विशेष पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइनें मंदिरों में लगी है। आज देवभूमि भोले की भक्ति में रमी है। आज पर्वतीय क्षेत्रों का दूसरा जबकि मैदानी क्षेत्र का तीसरा सोमवार है। शिव भक्त हरिद्वार से जल लेकर चकराता पहुंचे है, जोकि क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे। विकास नगर के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।

ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि सावन की संक्रांति से पर्वतीय क्षेत्रों में सावन शुरू होता है इसके पीछे की वजह पहाड़ी लोग सूर्य को मानते हैं। जबकि, मैदान में चंद्रमा से सावन को शुरू मानते हैं। हिंदू धर्म में ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य मास और चंद्र मास होता है। इसलिए सावन का महीना आने से पहले किसान ईष्ट देवों और प्रकृति से

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *